B.Com. Semester-V Goods and Services Tax - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2807
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 6

माल एवं सेवा कर पंजीकरण तथा कम्पोजीशन लेवी

[Goods and Services Tax (GST) Registration and Composition Levy]

प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन किस प्रकार के व्यक्ति पंजीकरण कराने के लिए दायी होते हैं? समझाइये।

अथवा
केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 धारा 22 के अन्तर्गत निर्धारित सीमा के आधार पर माल एवं सेवा कर के अधीन पंजीयन कराने के लिए कौन उत्तरदायी है तथा केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 24 के अधीन पंजीयन कराने के लिए कौन उत्तरदायी है?

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न - केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 22 के अधीन पंजीयन हेतु दायी व्यक्तियों को बताइये।

उत्तर -

केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की
धारा 22 के अधीन पंजीकरण हेतु दायी व्यक्ति
(Persons Liable for Registration under Section 22 of the
Central Goods and Services Tax Act, 2017)

ऐसे सभी व्यक्ति जिनके पास पुराने कानूनों के अधीन सेवा कर अथवा वैट अथवा केन्द्रीय उत्पाद शुल्क लाइसेंस थे, को निर्धारित दिन से पहले दिन पर माल एवं सेवा कर के अधीन पंजीयन कराना आवश्यक किया गया। इस प्रकार, विद्यमान पंजीयन रखने वाले सभी करयोग्य व्यक्तियों के लिए माल एवं सेवा कर के लिए पंजीयन आदेशात्मक किया गया है।

यदि माल एवं सेवा कर अधिनियम के अधीन पंजीयत किसी करयोग्य व्यक्ति ने अपना व्यवसाय किसी अन्य व्यक्ति को चालू स्थिति में हस्तान्तरित कर दिया हो तो जिस व्यक्ति को यह व्यवसाय हस्तान्तरित किया गया हो, वह हस्तान्तरण की तारीख से स्वयं को पंजीयत कराने हेतु उत्तरदायी होगा। यदि किसी व्यवसायी की सभी आपूर्तियाँ माल एवं सेवा कर के अन्तर्गत कर मुक्त हो, तो पंजीयन की आवश्यकता नहीं होगी।

इस प्रकार ऐसा व्यक्ति जिसका 1 जुलाई, 2017 के शीघ्र पूर्व के दिन पंजीयन हो अथवा लाइसेंस धारक हो, उसे 1 जुलाई, 2017 से माल एवं सेवा कर के अन्तर्गत पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया था। यदि पंजीयत व्यक्ति द्वारा व्यवसाय को चलित संस्थान के रूप में अन्य व्यक्ति को हस्तान्तरित किया जाय (चाहे उत्तराधिकार अथवा अन्य किसी कारण से) तो हस्तान्तरिती अथवा उत्तराधिकारी पंजीयन हेतु उस तिथि से उत्तरदायी होगा जिस तिथि पर हस्तान्तरण अथवा उत्तराधिकार परिवर्तन लागू हुआ हो।

यदि उच्च न्यायालय/न्यायाधिकरण के आदेश के अधीन संविलयन की किसी व्यवस्था या दो या दो से अधिक कम्पनियों में विलयन या अन्य पुनर्गठन योजना के अधीन किसी व्यवसाय का हस्तान्तरण किया जाय, तो उस न्यायालय / न्यायाधिकरण के आदेश से कम्पनी रजिस्ट्रार द्वारा जारी समामेलन प्रमाणपत्र की तिथि से अन्तरिती पंजीयन के लिए दायी होगा।

माल एवं सेवा कर के अधीन करयोग्य व्यक्ति वह व्यक्ति होता है जो कोई व्यवसाय भारत में किसी स्थान पर चलाता हो तथा माल एवं सेवा कर विधान के अधीन पंजीयत हो अथवा जिसके लिए पंजीयन कराना आवश्यक हो। कोई व्यक्ति जो व्यापार एवं वाणिज्य सहित आर्थिक गतिविधि में लिप्त हो, उसे करयोग्य व्यक्ति माना जाता है। यहाँ व्यक्ति में व्यक्ति, हिन्दू अविभाजित परिवार, कम्पनी, फर्म, सीमित दायित्व भागीदारी, ए.ओ.पी./बी.ओ.आई, कोई निगम या कोई सरकारी कम्पनी, विदेशी कानून के अधीन निगमित निकाय, सहकारी समिति, स्थानीय प्राधिकरण, सरकार, न्यास व कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति शामिल हैं।

केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 22 में पंजीयन हेतु दायी के बारे में बताया गया है। केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम के अधीन प्रत्येक आपूर्तिकर्ता उस राज्य में पंजीयन कराने के लिए उत्तरदायी होगा जहाँ से वह माल एवं सेवाओं की करयोग्य आपूर्ति करता हो

1. यदि उसका कुल व्यवसाय सम्पूर्ण रूप से माल की आपूर्ति से एक वित्तीय वर्ष के दौरान 40 लाख ₹ से ज्यादा हो (अधिसूचना संख्या 10 / 2019 दिनांक 7 मार्च, 2019 के अनुसार)।

उदाहरण - मि. X जो कि एक कपड़े की दुकान के स्वामी हैं तथा उनका व्यवसाय पूर्णतया माल की आपूर्ति का है तथा वे सेवा की कोई आपूर्ति नहीं करते। माल एवं सेवा कर के अधीन पंजीयन हेतु उनकी निर्धारित सीमा 40 लाख ₹ है।

2. यदि उसका कुल व्यवसाय सेवाओं की आपूर्ति से एक वित्तीय वर्ष के दौरान 20 लाख ₹

उदाहरण - मि. Y एक वकील है तथा वे एक सेवाप्रदाता है। पंजीयन हेतु इनकी निर्धारित सीमा 20 लाख ₹ है।

3. यदि उसका कुल व्यवसाय माल तथा सेवाओं की आपूर्ति से एक वित्तीय वर्ष के दौरान 20 लाख ₹ से ज्यादा हो।

उदाहरण - मि. Z एक कम्प्यूटर सेल्स तथा रिपेयरिंग सेन्टर के स्वामी है। वह कम्प्यूटर बेचने के साथ-साथ रिपेयरिंग सेवा भी देते है। पंजीयन हेतु इनकी निर्धारित सीमा 20 लाख ₹ है।

लेकिन निर्दिष्ट राज्यों हेतु पंजीयन की सीमा निम्नलिखित हैं-

अरुणाचल प्रदेश, असम हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, मेघालय, सिक्किम तथा उत्तराखण्ड हेतु 20 लाख ₹।

मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड तथा त्रिपुरा हेतु 10 लाख ₹।

इस प्रकार, प्रत्येक आपूर्तिकर्ता को उस राज्य एवं संघशासित राज्य में पंजीकरण कराना आवश्यक है जहाँ से वह माल की आपूर्ति करता है। यदि उसका कुल टर्नओवर किसी वित्तीय वर्ष दौरान 40 लाख ₹ अथवा 20 लाख ₹ से ज्यादा हो। इस प्रकार माल एवं सेवा कर भुगतान से छूट के लिए माल के आपूर्तिकर्ताओं को दो टर्नओवर सीमाओं 40 लाख ₹ तथा 20 लाख ₹ में रखा गया है। सेवाप्रदाताओं हेतु सीमा 20 लाख ₹ तथा कुछ निश्चित राज्यों हेतु 10 लाख ₹ है।

कुल टर्नओवर (Aggregate Turnover) - कुल टर्नओवर में निम्नांकित कुल मूल्य शामिल होगा-

1. सभी करयोग्य आपूर्तियाँ (क्रय आपूर्ति के मूल्य के अलावा जिस पर प्रतिलोमी प्रभार तन्त्र के आधार पर कर दिया गया हो,

2. कर से विमुक्त आपूर्तियाँ,
3. निर्यातित माल अथवा सेवाएँ अथवा दोनों, व
4. अन्तर्राज्यीय आपूर्तियाँ।

कुल टर्नओवर की गणना करने हेतु PAN के साथ अलग-अलग शाखाओं द्वारा की गयी सभी आपूर्तियाँ शामिल होंगी, परन्तु इसमें माल एवं सेवा कर शामिल न होगा।

उदाहरण - एक डीलर के उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा में कार्यालय है। यदि दोनों कार्यालयों का कुल टर्नओवर 40 लाख ₹ से ज्यादा हो, तो डीलर को पंजीयन कराना होगा।

कुल टर्नओवर की गणना करने में कर से विमुक्त आपूर्तियाँ भी सम्मिलित की जायेंगी।

उदाहरण - X कानपुर में कराधेय तथा गैर-कराधेय माल की आपूर्ति करता है। इसके पंजीयन कराने हेतु दायी होने को तय करने के लिए करधेय तथा गैर-कराधेय आपूर्तियाँ जोड़कर देखा जायेगा। कुल टर्नओवर 40 लाख से ज्यादा होने पर X को पंजीयन हेतु दायी माना जायेगा।

\कुल टर्नओवर में करदाता द्वारा स्वयं अथवा मालिक की ओर से की गयी सभी आपूर्तियाँ सम्मिलित की जायेंगी।

कुल टर्नओवर की गणना अग्रवत होगी वशर्ते कि व्यक्ति एक ही PAN के अधीन हो-

विवरण राशि (₹)
• समस्त कराधेय बहिर्गमन आपूर्तियाँ --
• करमुक्त ऐसी आपूर्तियाँ जिनमें गैर-कराधेय आपूर्तियाँ सम्मिलित है --
• माल अथवा सेवा निर्यात --
• स्वयं के खाते में या समस्त मालिकों हेतु की गयी आपूर्तियाँ --
• अन्तर्राज्यीय आपूर्तियाँ --
• जॉब वर्क (पूर्णता के बाद आपूर्तियाँ) --
घटाया-
• माल एवं सेवा कर विधान के अधीन कर --
• प्रतिलोमी प्रभार के अधीन उगाही किए जाने योग्य आन्तरिक आपूर्तियाँ --
  --

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अपवाद (Exceptions) - पंजीयन हेतु निर्धारित 40 लाख ₹ की सीमा के निम्नलिखित अपवाद हैं-

1. ऐसे व्यक्ति जिनके लिए केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 24 के अधीन पंजीयन आवश्यक हो !

2. वे व्यक्ति जो आइसक्रीम एवं अन्य खाद्य बर्फ कोको युक्त हो अथवा न हो, तम्बाकू, पान मसाला तथा निर्मित तम्बाकू के विफल की आपूर्ति में लगे हों।

3. ऐसे व्यक्ति जो अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैण्ड, पुडुचेरी, सिक्किम. तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड राज्य के अन्दर आपूर्तियाँ करने में लगे हों।

4. ऐसे व्यक्ति जो स्वैच्छिक पंजीयन करवाते हो अथवा जो अपनी पंजीयन जारी रखना चाहे।

व्यक्तियों के लिए पंजीयन की टर्नओवर सीमा (एक दृष्टि में)

आपूर्ति टर्नओवर (₹ लाख में)
माल तथा सेवाओं की आपूर्ति 20
सेवाओं की आपूर्ति 20
सम्पूर्ण रूप से माल की आपूर्ति 40

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कर का आशय तथा प्रकार बताइये। अप्रत्यक्ष कर क्या होता है? क्या माल एवं सेवा कर भारत में पहले लागू अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का उपचार है?
  2. प्रश्न- भारत में पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की उन कमियों को बताइये जिन्होंने माल एवं सेवा कर व्यवस्था को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  3. प्रश्न- स्पष्ट कीजिए कि माल एवं सेवा कर पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दोषों का उपचार है।
  4. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की अवधारणा समझाइये। इसकी आवश्यकता तथा उद्देश्य क्या हैं?
  5. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की आवश्यकता तथा उद्देश्य बताइए।
  6. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  7. प्रश्न- भारत में माल एवं सेवा कर इतिहास / पृष्ठभूमि समझाइये।
  8. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए -
  9. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के उद्देश्य क्या हैं?
  11. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के लक्षण बताइये।
  12. प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क के क्या कार्य है?
  13. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की संरचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
  15. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के कार्यों को बताइए।
  16. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की सभाओं के बारे में लिखिए।
  17. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के व्यापार, विनिर्माण, सेवा आदि क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
  18. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के निम्नांकित पर प्रभाव बताइये। (a) सेवाप्रदाताओं पर (b) उपभोक्ताओं पर (c) केन्द्रीय सरकार पर (d) राज्य सरकारों पर
  19. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के देश पर तथा विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
  20. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के समग्र प्रभाव बताइये।
  21. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के उद्ग्रहण को समझाइये।
  22. प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क की सेवाएँ बताइए। इस नेटवर्क के द्वारा करदाता कौन-सी सूचनाएं देते हैं?
  23. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के अधीन कर के भुगतान के लिए कौन दायी होता है?
  24. प्रश्न- जी एस टी के लाभ-हानियों का उल्लेख करें-
  25. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत आपूर्ति से आपका क्या आशय है? इसके क्षेत्र को विस्तारपूर्वक समझाइये।
  26. प्रश्न- आपूर्ति के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- 'संयुक्त आपूर्ति' व प्रमुख आपूर्ति तथा 'मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइये। इनमें अन्तर तथा कर दायित्व का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति पर करदेयता को बताइए।
  29. प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइए।
  30. प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति की दशा में करदेयता बताइए।
  31. प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति तथा मिश्रित आपूर्ति में अन्तर बताइये।
  32. प्रश्न- आपूर्ति का समय क्या होता है? आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइये।
  33. प्रश्न- माल की आपूर्ति का समय बताइए।
  34. प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का समय बताइये।
  35. प्रश्न- आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइए।
  36. प्रश्न- आपूर्ति का मूल्य क्या है? इसकी गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइए।
  37. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य के लक्षण बताइए।
  38. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य की गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइये।
  39. प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की विशेषताएँ तथा लाभ व हानियाँ बताइए।
  40. प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की हानियाँ बताइए।
  41. प्रश्न- आपूर्तिकर्ता तथा प्राप्तकर्ता का स्थान भारत में होने की दशा में सेवाओं की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
  42. प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का स्थान बताइये यदि आपूर्तिकर्ता का स्थान अथवा प्रापक का स्थान भारत के बाहर हो।
  43. प्रश्न- सम्बन्धित व्यक्ति, भिन्न व्यक्ति तथा परिवार में कौन शामिल है?
  44. प्रश्न- वे गतिविधियाँ या लेनदेन बताइये जिन्हें न तो माल की आपूर्ति और न ही सेवा की आपूर्ति के रूप में माना जायेगा।
  45. प्रश्न- अन्तर्गमन तथा बहिर्गमन आपूर्तियाँ क्या होती हैं?
  46. प्रश्न- माल अथवा सेवाओं अथवा दोनों की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
  47. प्रश्न- भिन्न अथवा सम्बन्धित व्यक्तियों के मध्य आपूर्ति के मूल्य निर्धारण के नियम बताइये।
  48. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य निर्धारण हेतु निम्नलिखित के बारे में नियम बताइये - एजेण्ट के माध्यम से आपूर्ति
  49. प्रश्न- प्रमुख करमुक्त सेवाओं को बताइये।
  50. प्रश्न- प्रमुख करमुक्त माल की सूची बनाइए।
  51. प्रश्न- निम्नांकित सेवाओं के बारे में माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत प्रदत्त करमुक्ति के प्रावधान बताइये- (a) पुण्यार्थ संस्थान द्वारा सेवा, (b) सरकार द्वारा सेवा, (c) धार्मिक सेवा।
  52. प्रश्न- लघु आपूर्तियों पर टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट का आशय क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  54. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की विशेषताएँ बताइये।
  55. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता के लिए क्या शर्तें निर्धारित की गयी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट को प्राप्त करने हेतु शर्तें बताइए।
  57. प्रश्न- केन्द्रीय माल तथा सेवाकर अधिनियम, 2017 की धारा 17 के अन्तर्गत जिन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं होती है, उनके बारे में बताइये। क्रेडिट विभाजन के बारे में समझाइये।
  58. प्रश्न- क्रेडिट विभाजन सम्बन्धी प्रावधान बताइये।
  59. प्रश्न- सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं? इसके द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
  60. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
  61. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत कर के भुगतान की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। माल तथा सेवाकर भुगतान प्रक्रिया के प्रमुख लक्षण लिखिए।
  62. प्रश्न- कर भुगतान के प्रमुख लक्षण बताइये।
  63. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत करों के भुगतान हेतु रखे जाने वाले विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों को समझाइए।
  64. प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर को समझाइए।
  65. प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक दायित्व रजिस्टर के बारे में बताइए।
  66. प्रश्न- करदाता को कितने प्रकार के रिफण्ड (धन वापसी) उपलब्ध होते हैं? रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइये।
  67. प्रश्न- रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइए।
  68. प्रश्न- अन्यायपूर्ण संवर्धन का सिद्धान्त क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइए।
  69. प्रश्न- उपभोक्ता कल्याण कोष को समझाइए।
  70. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत स्रोत पर कर की कटौती के बारे में क्या व्यवस्था की गई है?
  71. प्रश्न- स्रोत पर कर संग्रह के बारे में लिखिए।
  72. प्रश्न- विवरणी से आप क्या समझते हैं? इसके उद्देश्य बताइए। माल एवं सेवा कर विधान के अधीन विवरणियों को फाइल करने के लिए कौन उत्तरदायी है तथा किसे मुक्ति दी गयी है?
  73. प्रश्न- विवरणियों के उद्देश्य बताइए।
  74. प्रश्न- विवरणियों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों को बताइए।
  75. प्रश्न- "विवरणी फाइल करने के माध्यम तथा विवरणियों के प्रकार बताइए। बहिर्गमन आपूर्ति तथा अन्तर्गमन आपूर्ति के विवरण प्रस्तुतीकरण को समझाइए।
  76. प्रश्न- बहिर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- अन्तर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को बताइए।
  78. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर अथवा जी एस टी व्यवसायी कौन होता है? इसके पात्रता मानदण्ड बताइए। इसके सम्बन्ध में अनुमोदन की रीति, गतिविधियाँ, शर्ते तथा विवरण के ठीक होने के उत्तरदायित्व के बारे में लिखिए।
  79. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु अनुमोदन प्रक्रिया क्या है? माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर की गतिविधियाँ बताइये।
  80. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु शर्तें क्या है? विवरण के ठीक होने के सम्बन्ध में इसका उत्तरदायित्व बताइए।
  81. प्रश्न- जी एस टी आर-3 में मासिक विवरणी का प्रस्तुतीकरण बताइये।
  82. प्रश्न- वार्षिक विवरणी क्या होती है? बताइए।
  83. प्रश्न- अन्तिम विवरणी के बारे में बताइए। विवरणी फाइल करने में चूक करने वालों को सूचना देने तथा विलम्ब शुल्क की उगाही के बारे में क्या व्यवस्था की गयी है?
  84. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन किस प्रकार के व्यक्ति पंजीकरण कराने के लिए दायी होते हैं? समझाइये।
  85. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 24 के अधीन कौन से व्यक्तियों को पंजीयन कराना आवश्यक है?
  86. प्रश्न- अन्य मामलों में पंजीयन हेतु कौन दायी है?
  87. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 25 के अधीन पंजीकरण प्रक्रिया समझाइये।
  88. प्रश्न- पंजीयन के विशिष्ट मामलों का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- अनिवासी कराधेय व्यक्ति को परिभाषित कीजिए तथा इसकी पंजीयन प्रक्रिया बताइए।
  90. प्रश्न- जॉब वर्कर तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित इकाई के पंजीयन को बताइए।
  91. प्रश्न- कौन-कौन से व्यक्ति कम्पोजीशन लेवी का विकल्प चुन सकते हैं? इस स्कीम को अपनाने के अपात्र व्यक्ति कौन हैं?
  92. प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी का विकल्प कौन चुन सकता है?
  93. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम के अपात्र व्यक्ति बताइये।
  94. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम हेतु शर्तें तथा प्रतिबन्ध बताइये। शर्तों के अतिलंघन के सम्बन्ध में दण्ड के क्या प्रावधान हैं?
  95. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम की शर्तों के उल्लंघन की दशा में दण्ड का प्रावधान बताइए।
  96. प्रश्न- वे कौन से व्यक्ति हैं जो पंजीयन हेतु दायी नहीं होते हैं?
  97. प्रश्न- आकस्मिक कराधेय व्यक्ति तथा अनिवासी कराधेय व्यक्ति में अन्तर बताइये।
  98. प्रश्न- टिप्पणी लिखिये- (a) पंजीयन प्रमाणपत्र की वैधानिकता, (b) पंजीयन हेतु वाँछनीय सूचनाएँ, (c) पंजीयन आवेदनपत्र पर हस्ताक्षरी, (d) अग्रिम कर जमा करना।
  99. प्रश्न- पंजीयन प्रमाणपत्र का निरस्तीकरण समझाइए।
  100. प्रश्न- 'पंजीकरण के निरस्तीकरण का खण्डन' बताइये।
  101. प्रश्न- समझाइये कि 'कम्पोजीशन लेवी एक विकल्प मात्र है।
  102. प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी के तहत कर की दरें बताइये।
  103. प्रश्न- कर बीजक से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री, समय तथा जारी करने की पद्धति को स्पष्ट कीजिए।
  104. प्रश्न- कर बीजक को जारी करने के समय के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- कर बीजक को जारी करने की रीति समझाइये।
  106. प्रश्न- कर बीजक की विषय-सामग्री क्या होती है?
  107. प्रश्न- निम्नलिखित को समझाइए- (a) संशोधित कर बीजक (b) समेकित कर बीजक, (c) प्राप्ति प्रमाणक का निर्गमन, (d) रिफण्ड या वापसी बाउचर का निर्गमन, (e) प्रतिलोभी प्रभार के तहत बीजक, तथा भुगतान वाउचर।
  108. प्रश्न- समेकित कर बीजक क्या होता है? आपूर्ति का बिल कब निर्गमित किया जाता है? इसमें दी जाने वाली सूचनाएँ बताइए।
  109. प्रश्न- प्राप्ति प्रमाणक क्या होता है? इसकी विषय-वस्तु बताइए।
  110. प्रश्न- रिफण्ड वाउचर के निर्गमन को समझाइए।
  111. प्रश्न- प्रतिलोमी प्रभार के तहत बीजक के बारे में क्या प्रावधान हैं? भुगतान प्रमाणक के बारे में भी समझाइए।
  112. प्रश्न- विशेष मामलों में कर बीजक को समझाइये।
  113. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-
  114. प्रश्न- क्रेडिट तथा डेबिट नोट को समझाइए।
  115. प्रश्न- ई-वे बिल क्या है? इसकी विशेषताएँ तथा आवश्यकता को समझाइए।
  116. प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के बारे में बताइए तथा निम्नलिखित को समझाइए- (a) चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट अथवा कॉस्ट एकाउण्टेन्ट द्वारा अंकेक्षण, (b) कर प्राधिकारियों द्वारा अंकेक्षण, तथा (c) विशेष अंकेक्षण।
  117. प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के प्रकार बताइए। चार्टर्ड एकाउण्टेन्ट
  118. प्रश्न- कर प्रधिकारियों द्वारा अंकेक्षण को समझाइए।
  119. प्रश्न- विशेष अंकेक्षण को समझाइए।
  120. प्रश्न- कर निर्धारण से आप क्या समझते है? इसमें क्या-क्या शामिल रहता है? वर्णन कीजिए।
  121. प्रश्न- अस्थायी कर निर्धारण को समझाइए।
  122. प्रश्न- सारांश निर्धारण क्या है?
  123. प्रश्न- सर्वोत्तम निर्णय कर निर्धारण को समझाइए।
  124. प्रश्न- HSN कोड का वर्णन कीजिए।
  125. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं?
  126. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक की भूमिका बताइए।
  127. प्रश्न- माल तथा सेवा कर पहचान संख्या की संरचना बताइए।
  128. प्रश्न- माल तथा सेवा कर में सेवा लेखांकन कोड (SAC) को बताइये।

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